शनिवार, 19 जुलाई 2025

दिल्ली के फुटपाथ बाजारों में व्यापारी बदबू और चोरी से परेशान, बोले - प्रशासन ठीक है पर चोर नहीं रुक रहे

नई दिल्ली: राजधानी की सड़कों पर बसा हुआ है दिल्ली का जाना-माना फूटपाथ बाजार, जो हर रोज हजारों लोगों को सस्ते दामों पर कपड़े, जूते, मोबाइल एक्सेसरीज़ और रोज़मर्रा के सामान उपलब्ध कराता है। लेकिन इस चहल-पहल भरे बाज़ार की चकाचौंध के पीछे छिपी है एक कड़वी हकीकत — गंदगी, बदबू और चोरी का आतंक, जिससे दुकानदार और ग्राहक दोनों परेशान हैं।

🟫 हर गली-नुक्कड़ पर दुकानें, लेकिन सड़कों पर गंदगी का अंबार

शुक्रवार, 11 जुलाई 2025

प्रधानमंत्री मोदी का बड़ा ऐलान: किसानों को मिलेगा मुफ्त सौर पंप, जानिए योजना की पूरी जानकारी

 


नई दिल्ली: देश के किसानों को ऊर्जा संकट से निजात दिलाने और सिंचाई में होने वाला खर्च घटाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नई पहल की घोषणा की है। इस पहल के तहत किसानों को बिना किसी लागत के सोलर पंप प्रदान किए जाएंगे, जिससे उन्हें न केवल बिजली की समस्या से राहत मिलेगी, बल्कि डीजल जैसी महंगी ऊर्जा पर निर्भरता भी कम होगी।

योजना का नाम – यह सुविधा 'प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM)' के अंतर्गत दी जाएगी, जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र को सौर ऊर्जा की ओर प्रेरित करना है।

गुरुवार, 10 जुलाई 2025

अस्पताल की सफाई करने वाला लड़का बना हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का स्कॉलर – जानिए पूरी अनसुनी कहानी


 

🧹 झाड़ू से जर्नल तक – रोहित महतो की कहानी

यह कहानी है रोहित महतो की, जो झारखंड के हजारीबाग ज़िले में एक छोटे से कस्बे का निवासी है।
रोहित का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ — पिता ऑटो चलाते थे और मां एक सरकारी अस्पताल में सफाई कर्मचारी थीं।

रोहित 14 साल की उम्र से स्कूल के बाद उसी अस्पताल में जाकर सफाई करता था — क्योंकि मां की तबियत ठीक नहीं रहती थी।

पर उस लड़के के दिल में एक सपना था —
“एक दिन मैं विदेश जाकर पढ़ूंगा और अपनी मां को डॉक्टरों के सामने गर्व से खड़ा करूंगा।”

झोपड़ी में पली लड़की बनी ISRO साइंटिस्ट – एक असली और अनसुनी सफलता की कहानी


 🚀 मिट्टी से सितारों तक – मीरा गायकवाड़ की कहानी

यह कहानी है मीरा गायकवाड़ की, जो महाराष्ट्र के उस कोल्हापुर जिले की रहने वाली है, जहाँ आज भी कई गांवों में लड़कियों की शिक्षा को महत्व नहीं दिया जाता।

मीरा का जन्म एक गरीब दलित परिवार में हुआ, जो गांव के बाहर एक झोपड़ी में रहते थे। माँ खेतों में काम करती थीं और पिता मजदूरी।
मीरा का सपना था — "मैं एक दिन रॉकेट बनाऊंगी।"

👧 बचपन की जिद और समाज की दीवारें

जब मीरा ने 5वीं क्लास में पहली बार चंद्रयान-1 के बारे में सुना, तो उसकी आंखें चमक उठीं।
उसने घर आकर कहा:
"मैं भी ISRO में काम करूंगी।"

लकड़ी बेचने वाले लड़के ने पास किया UPSC – एक सच्ची और दिल छू लेने वाली कहानी

 

🌲 लकड़ियों से सपनों तक – विवेक चौहान की असली कहानी

बिहार के सीमावर्ती ज़िले अररिया का एक गांव – बिजली नहीं, स्कूल आधे दिन चलता था और बारिश में सड़कें कीचड़ बन जाती थीं। वहीं रहता था विवेक चौहान, एक गरीब परिवार का बेटा, जिसका सपना था IAS अफसर बनना।

पर सपनों के रास्ते सीमेंट के नहीं, कांटों के बने थे।

👨‍👩‍👦‍👦 बचपन की गरीबी और जिम्मेदारी

विवेक के पिता रामकिशोर चौहान जंगल से लकड़ियां लाकर गांव में बेचते थे। घर में 5 भाई-बहन, छोटा सा झोपड़ी जैसा घर, और दिन में दो वक्त का खाना भी कभी-कभी नसीब नहीं होता था।

विवेक ने 10 साल की उम्र में पिता के साथ लकड़ियां उठाना शुरू किया।
हर सुबह 4 बजे उठना, जंगल जाना, सूखी लकड़ियां चुनना, उन्हें बंडल बनाकर सिर पर लाना – यही उसकी दिनचर्या बन गई।

चायवाले की बेटी बनी एयरफोर्स पायलट – एक अनसुनी कहानी जो दिल छू लेगी


☕ चाय से उड़ान तक – रेखा यादव की असली कहानी

यह कहानी है रेखा यादव की, जो उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव नवाबगंज की रहने वाली है। एक ऐसा गांव जहाँ अब भी लड़कियों की शिक्षा को बोझ माना जाता है। लेकिन इस माहौल से निकलकर रेखा ने जो किया, वह देश की लाखों बेटियों के लिए मिसाल बन गया।

बुधवार, 9 जुलाई 2025

2025 में ब्लॉगर्स के लिए ताज़ा न्यूज़ और ट्रेंड्स – कमाई, कंटेंट और इंस्पिरेशन

 



✍️ 1. डिजिटल क्रिएटर इकोनॉमी: अब CEOs भी बन रहे ब्लॉगर्स

इंडिया की डिजिटल क्रिएटर इकॉनमी 2025 में ज़बरदस्त ग्रोथ पर है — अनुमानित 25% वृद्धि और ₹1000 करोड़ की मार्केट की संभावना बताई जा रही है।
👉 ब्लॉगिंग अब केवल व्यक्तिगत एक्सप्रेशन नहीं, बल्कि एक असरदार व्यवसाय बन चुका है।
👉 SEO, ब्रांड कोलैब, एफिलिएट – कमाई के नए तरीके।

🏆 2. टॉप इंडियन ब्लॉगर्स से सीखें

शुक्रवार, 27 जून 2025

भारत का कोविड-युग के बाद विकास: 6.4% GDP ग्रोथ, लेकिन नौकरी और निजी निवेश में कमी चिंता का विषय



क्या रिपोर्ट ने बताया?  

  • अनुमान है कि FY 26 (2025‑26) में भारत की GDP ग्रोथ ~6.4% होगी—थोड़ी धीमी, लेकिन विश्वसनीय बनी रहेगी

  • Reuters द्वारा 17–26 जून 2025 के मध्य 51 अर्थशास्त्रियों से इंटरव्यू किया गया।

  • FY 27 (2026‑27) में वृद्धि संभावना 6.7% की ओर मोड़े जा रही है

  • FY 25 (साल 2024‑25) में वृद्धि तेजी से धीमी होकर 6.5% रह गई, जो गुरुतर वैश्विक और घरेलू चुनौतियों का संकेत है

गुरुवार, 26 जून 2025

क्या NASA के वैज्ञानिक भी पढ़ते हैं भगवद गीता? 2025 में सामने आई चौंकाने वाली सच्चाई

Neyuzaa

जून 2025 की शुरुआत में, सोशल मीडिया पर एक पुराना इंटरव्यू वायरल हुआ — जिसमें एक पूर्व NASA वैज्ञानिक यह स्वीकार करते नज़र आए कि उन्होंने अपने सबसे कठिन मिशन के दौरान भगवद गीता को मार्गदर्शक ग्रंथ की तरह पढ़ा।

इस एक वीडियो क्लिप ने विज्ञान और अध्यात्म के बीच बहस को फिर हवा दे दी — क्या वाकई वैज्ञानिक भी धार्मिक ग्रंथों से जीवन और ब्रह्मांड के उत्तर खोजते हैं?

🌸 वृंदावन 2025 में बारिश और फूलों की होली का दिव्य संगम — भक्त बोले, “ये लीला नहीं चमत्कार है”


 उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले का वृंदावन हमेशा से ही प्रेम, भक्ति और कृष्णलीला का जीवंत केंद्र रहा है। लेकिन 2025 की सावन की शुरुआत में जो दृश्य यहां देखने को मिला, उसे देख हर भक्त की आंखें नम हो गईं और होंठों पर बस एक ही शब्द था — "लीला चल रही है!"

🚩 जगन्नाथ रथ यात्रा 2025: क्यों कहा जाता है कि भगवान खुद खींचते हैं अपना रथ? जानिए इसके रहस्य, आस्था और विज्ञान


हर साल की तरह 2025 में भी पुरी की पवित्र धरती पर श्रद्धा का महासागर उमड़ा। 7 जुलाई की सुबह जब भगवान जगन्नाथ अपने भाई-बहन के साथ रथ पर सवार हुए, लाखों श्रद्धालु उनके दर्शन और सेवा में समर्पित हो गए। लेकिन इस अलौकिक दृश्य के बीच एक सवाल फिर गूंज उठा — क्या इस रथ को खींचने में खुद भगवान ही सक्रिय होते हैं?

🔭 NASA की 2025 की नई खोज: चंद्रमा पर मिली भगवान शिव की आकृति जैसी संरचना?


 जून 2025 में, जब पूरी दुनिया चंद्रमा पर मानव की नई यात्रा की तैयारी में व्यस्त थी, नासा ने एक ऐसी छवि साझा की जिसने वैज्ञानिकों के साथ-साथ श्रद्धालुओं को भी चौंका दिया। यह एक सैटेलाइट तस्वीर थी — जिसमें चंद्रमा की सतह पर एक आकृति स्पष्ट रूप से एक शिवलिंग जैसी प्रतीत हो रही थी।

इस खोज के बाद, सोशल मीडिया से लेकर वैज्ञानिक मंचों तक और मंदिरों से लेकर विज्ञान संस्थानों तक, इस बात पर चर्चा तेज़ हो गई कि क्या यह सिर्फ एक चट्टान है या कोई दिव्य संकेत?

सरकार ने आपातकाल के विरोधियों को दी श्रद्धांजलि — Emergency के 50 साल पूरे होने पर PM मोदी की घोषणा

 


भारत की राजनीति में 25 जून की तारीख एक ऐसे अध्याय की याद दिलाती है जिसे देश के लोकतांत्रिक इतिहास में सबसे काले दौर के रूप में देखा जाता है — 1975 का आपातकाल। और आज, 26 जून 2025, इस घटना के 50 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए कहा कि अब हर साल 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।