सच कहें तो उत्तर भारत में अब जीना ही मुश्किल हो गया है। धूप इतनी तेज़ है कि जैसे सिर पर आग बरस रही हो। पारा 45 डिग्री पार कर गया है, और ऊपर से बिजली भी बार-बार चली जाती है। ना पंखा चलता है, ना ठंडा पानी मिलता है — ये गर्मी अब सिर्फ मौसम नहीं, मुसीबत बन गई है दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, बिहार और राजस्थान जैसे राज्यों में बिजली की कटौती आम हो गई है। कई जिलों में रोज़ाना 6 से 8 घंटे तक बिजली गुल रहने से लोग बेहाल हैं। गांवों के साथ-साथ शहरों में भी इस संकट का असर दिख रहा है।
बिजली संकट का सबसे बड़ा कारण गर्मी के कारण बिजली की खपत में अचानक हुई भारी वृद्धि है। एयर कंडीशनर, कूलर, पंखे और अन्य उपकरणों की मांग में भारी इजाफा हुआ है, जिससे ग्रिड पर अत्यधिक दबाव पड़ रहा है। ऊर्जा विभाग के अनुसार, उत्तर भारत में बिजली की मांग 250 गीगावाट से भी ऊपर पहुंच गई है, जो अब तक की सबसे अधिक मांगों में से एक है।
उत्तर प्रदेश में बिजली की स्थिति काफी गंभीर है। ग्रामीण इलाकों में 8 से 10 घंटे तक बिजली नहीं मिल रही है, वहीं शहरी क्षेत्रों में भी बार-बार ट्रिपिंग की समस्या हो रही है। सरकार ने पावर हाउस और ट्रांसमिशन नेटवर्क को दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन गर्मी की तीव्रता के आगे व्यवस्थाएं फेल होती दिख रही हैं।
दिल्ली में बिजली संकट से बचने के लिए सरकार ने डिस्कॉम कंपनियों के साथ आपात बैठक की है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली सरकार पावर बैकअप और अतिरिक्त बिजली खरीदने के विकल्पों पर विचार कर रही है। वहीं बिहार में कई जिलों में रातभर बिजली नहीं रहने की शिकायतें आ रही हैं। पटना, गया, दरभंगा जैसे बड़े शहर भी इस संकट से जूझ रहे हैं।
इस बीच केंद्र सरकार भी एक्टिव हो गई है। ऊर्जा मंत्रालय ने सभी राज्यों को अधिकतम बिजली उत्पादन सुनिश्चित करने और कोयला आपूर्ति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। कोल इंडिया को अतिरिक्त कोयले की आपूर्ति के आदेश दिए गए हैं ताकि बिजली संयंत्र बंद न हों। साथ ही गैस आधारित बिजली उत्पादन को भी अस्थायी रूप से बढ़ाया गया है।
बिजली संकट के कारण सिर्फ आम लोग ही नहीं, अस्पतालों, स्कूलों और कार्यालयों पर भी असर पड़ा है। कई अस्पतालों को जनरेटर के भरोसे चलाना पड़ रहा है, जबकि कुछ छोटे क्लीनिकों में इलाज बाधित हो रहा है। स्कूलों में पंखे और कूलर न चलने से बच्चों की तबीयत पर असर पड़ रहा है।
जनता का गुस्सा भी बढ़ रहा है। सोशल मीडिया पर लोग बिजली विभाग की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं और लगातार शिकायतें कर रहे हैं। ट्विटर पर #BijliSankat, #HeatwaveTrouble जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
सरकार ने जनता से अपील की है कि अनावश्यक बिजली का उपयोग न करें और ऊर्जा की बचत करें। कुछ राज्यों में 'डिमांड रेस्पॉन्स' योजनाएं भी शुरू की गई हैं, अब हालत ये हो गई है कि रात में भी जिनके घरों में ज्यादा बिजली चलती है, उन्हें कहा जा रहा है कि ज़रा समझदारी से इस्तेमाल करें — नहीं तो और जगह अंधेरा हो जाएगा
वर्तमान में बिजली संकट से निपटना सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो आगामी सप्ताहों में स्थिति और बिगड़ सकती है।