प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक नई योजना का एलान किया है जो देश के ग्रामीण इलाकों में डिजिटल पहुंच को और गहरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इस पहल का नाम है — "पंचायत से संसद तक डिजिटल शक्ति", जिसका उद्देश्य है भारत के हर नागरिक को तकनीक के ज़रिए सशक्त बनाना, खासकर उन गांवों को जहां आज भी इंटरनेट और डिजिटल सेवाएं सीमित हैं।
प्रधानमंत्री ने एक वर्चुअल कार्यक्रम में इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा,
"डिजिटल इंडिया अब शहरों तक सीमित नहीं रहेगा। हमारी कोशिश है कि गांव का किसान, महिला और युवा भी उसी स्पीड से डिजिटल दुनिया से जुड़ सके जैसे दिल्ली या मुंबई का नागरिक।"
🛰️ योजना की मुख्य बातें:
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1 लाख ग्राम पंचायतों में अगले 18 महीनों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा
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हर पंचायत को मिलेगा हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्शन
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डिजिटल शिक्षा केंद्र, जहां युवाओं और महिलाओं को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी
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गांव में डिजिटल हेल्थ बूथ बनाए जाएंगे जहां टेलीमेडिसिन सुविधा उपलब्ध होगी
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डिजिटल आधार कार्ड, राशन, बैंक, वोटर ID जैसी सेवाएं अब गांव में एक ही सेंटर से मिल सकेंगी
🏫 ग्रामीण युवाओं के लिए नया अवसर:
सरकार का फोकस ग्रामीण युवाओं को सिर्फ डिजिटल सेवाएं देना नहीं, बल्कि उन्हें डिजिटल रोज़गार से जोड़ना भी है।
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हर पंचायत में 2 स्थानीय युवाओं को डिजिटल सहायकों के रूप में ट्रेनिंग दी जाएगी
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इन्हें ₹10,000 प्रति माह तक की मानदेही दी जाएगी
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युवाओं को सरकारी पोर्टल, डिजीलॉकर, ऑनलाइन शिक्षा, बैंकिंग और साइबर सुरक्षा की ट्रेनिंग मिलेगी
🧕 महिलाओं की विशेष भागीदारी:
PM मोदी ने ज़ोर दिया कि इस योजना में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
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डिजिटल सहायिका बनने के लिए महिलाओं को विशेष वरीयता दी जाएगी
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महिलाएं अब अपने गांव में ही सरकारी फॉर्म भरने, डिजिटल बैंकिंग, और हेल्थ रिकॉर्ड मैनेजमेंट का कार्य कर सकेंगी
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"नारी शक्ति डिजिटल केंद्र" के तहत महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा
💬 प्रधानमंत्री का संदेश:
PM मोदी ने अपने संबोधन में कहा,
“जब गांव की बेटी कंप्यूटर पर काम करती है, तो वो सिर्फ स्क्रीन नहीं चलाती, बल्कि देश के भविष्य को दिशा देती है।”
उन्होंने यह भी बताया कि 10 साल पहले जहां भारत में सिर्फ कुछ लाख लोग डिजिटल पेमेंट करते थे, वहीं आज करोड़ों लोग UPI जैसे प्लेटफॉर्म से सीधे लेन-देन कर रहे हैं — और अब अगला लक्ष्य है गांवों को डिजिटल अर्थव्यवस्था से जोड़ना।
🌍 राज्यों की भूमिका:
सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर इस योजना को ज़मीन पर उतारेगी। इसके लिए प्रत्येक राज्य को एक डिजिटल ग्राम मिशन टीम बनानी होगी, जो पंचायत स्तर पर काम की निगरानी करेगी।
📊 आंकड़ों की नज़र से:
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अभी भारत की लगभग 2.5 लाख पंचायतों में से करीब 60% के पास सीमित डिजिटल सुविधा है
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इस मिशन से करीब 50 करोड़ ग्रामीण नागरिक सीधे लाभांवित हो सकते हैं
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10 लाख से अधिक ग्रामीण युवाओं को ट्रेनिंग व रोजगार मिलने की संभावना है
🧠 विशेषज्ञों की राय:
डिजिटल इंडिया फाउंडेशन के प्रमुख विवेक अग्रवाल ने कहा,
“यह योजना केवल कनेक्टिविटी की नहीं, बल्कि ग्रामीण आत्मनिर्भरता की शुरुआत है। भारत जैसे विशाल देश को विकसित बनाना है तो गांवों को डिजिटल बनाना ही होगा।”
निष्कर्ष:
PM मोदी की यह नई पहल “पंचायत से संसद तक डिजिटल शक्ति” केवल एक योजना नहीं, बल्कि एक सोच है — जहां हर गांव, हर नागरिक को बराबरी से तकनीक का हिस्सा बनाया जा सके। यह मिशन न सिर्फ डिजिटल पहुंच बढ़ाएगा, बल्कि रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य के नए रास्ते भी खोलेगा।