प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 साल बाद एक बार फिर कनाडा का दौरा किया, G7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए। यह यात्रा विशेष थी—नवम्बर 2023 में भारत–कनाडा बीच तमाम तनाव भरे पलों के बाद, दोनों देशों ने एक सकारात्मक दिशा पकड़ी है ।
मोदी जी ने 17 जून को कैल्गरी पहुंचते ही कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी द्वारा स्वागत किए गए। उनका यह दौरा G7 का हिस्सा था जिसमें उन्होंने गलोबल साउथ के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया और ऊर्जा सुरक्षा, डिजिटल तकनीक जैसे विषयों पर अन्य नेताओं से चर्चा की ।
🔹 मुख्य वार्ता और समझौते:
1. **High Commissioners बहाली पर सहमति:**
भारत और कनाडा ने उच्चायुक्तों को वापस भेजने पर सहमति की—जिससे राजनयिक संपर्क बहाल हुए, और वीजा एवं कंसुलर सेवाएँ पुनः शुरु होने की राह खुली ।
2. **Global South की आवाज़:**
आउटरीच सत्र में मोदी ने कहा कि “विकासशील देशों के हितों को भी G7 मंच पर मजबूती से उठाना होगा”—जो भारत की नई वैश्विक भूमिका को दर्शाता है ।
3. **Nijjar विवाद पर कनेक्शन:**
कनाडाई PM कार्नी ने मीडिया से कहा कि Nijjar मामले पर चर्चा हुई और कानून व सहयोग की भावना बनी रहेगी — साथ में यह भी कहा गया कि वे इस मामले पर ‘सावधान’ रहेंगे ।
4. **दोनों नेताओं की बैठक सकारात्मक रहीं:**
डॉनल्ड ट्रंप, इटली की मेलनियों जैसी दुनियां की दूसरी शिखर संस्थाओं से मुलाकातें भी सफल रहीं। #Melodi वायरल पल ने सोशल मीडिया पर उत्साह बढ़ाया ।
🌐 भारत-कनाडा रिश्तों का नया अध्याय:
यह दौरा सुरुआत है स्ट्रैटेजिक रीसेट का—जिसमें वाणिज्य, डिजिटल सहयोग, खाद्य सुरक्षा और डायस्पोरा संबंध मजबूत होंगे ।
दोनों देशों ने व्यापारिक समझौतों पर भी रिवाईंड शुरू करने की इच्छा जताई—जिससे आर्थिक सहयोग बढ़ेगा।
यह यात्रा रिलेशनशिप में स्पष्ट बदलाव का संदेश देती है—खासकर जब कनाडा में बड़ी भारतीय डायस्पोरा मौजूद है।
🔚 निष्कर्ष:
PM Modi का कनाडा दौरा सिर्फ एक औपचारिक यात्रा नहीं थी, बल्कि यह था एक राजनयिक नए युग का आगाज। G7 मंच पर भारत की बढ़ती भूमिका, ग्लोबल साउथ पर आवाज़, और भारत-कनाडा रिश्तों में आई ताज़ी—यह सब दिखाते हैं कि भारत आज मजबूत, स्वतंत्र और ग्लोबल एक्टर्स के साथ कदम से कदम मिला कर चल रहा है।