रविवार, 22 जून 2025

अमेरिका का बड़ा सैन्य हमला: ईरान के तीन नाभिकीय ठिकानों पर प्रहार, ऑपरेशन मिडनाइट हमर

 

📰 बड़ी कार्रवाई: अमेरिका का "ऑपरेशन मिडनाइट हमर", ईरान के न्यूक्लियर ठिकाने बने निशाना

📍 वाशिंगटन डी.सी., 22 जून 2025 (स्थानीय समय शाम 6 बजे):
अमेरिका ने शनिवार को “ऑपरेशन मिडनाइट हमर” नामक एक व्यापक सैन्य अभियान शुरू किया, जिसका उद्देश्य ईरान के महत्वपूर्ण परमाणु स्थलों को निष्क्रिय करना था।
सूत्रों के अनुसार, हमले में फोर्डो, नाटनज, और इस्फहान जैसे हाई-सिक्योरिटी लोकेशनों को टारगेट किया गया।

💥 हमले की प्रमुख जानकारी:

🔸 इस सैन्य अभियान में अमेरिका ने 7 B-2 स्पिरिट स्टील्थ बमवर्षकों की तैनाती की, जो दुश्मन की रडार पकड़ से बाहर रहते हुए अत्यधिक सटीक बमबारी करने में सक्षम हैं।

🔸 इसके अलावा, 24 से अधिक टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलों के ज़रिए दूरदराज़ के ठिकानों पर हमला किया गया, जो अमेरिकी नौसेना के जहाज़ों से दागी गई थीं।

🔸 विशेष रूप से, अमेरिका ने 14 GBU-57 'Massive Ordnance Penetrator' (MOP) बम गिराए — जो गहराई में स्थित और भारी सुरक्षाओं वाले भूमिगत परमाणु ठिकानों को नष्ट करने के लिए बनाए गए हैं।

🌍 अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक इस हमले को ईरान के न्यूक्लियर कार्यक्रम पर अब तक की सबसे सख्त कार्रवाई मान रहे हैं।

  • रक्षा सचिव पेट हेगसेथ ने इस ऑपरेशन को “incredible and overwhelming success” बताया, जिसमें ईरानी नाभिकीय प्रबंधन प्रणाली “विशाल रूप से क्षतिग्रस्त” होने की बात कही गई

  • कोई अमेरिकी हताहत नहीं — यह अमेरिका की तरफ से भेजा गया संदेश है कि सैन्य अभियान मजबूती से और सावधानी से संपन्न हुआ।


🧨 ईरानी प्रतिक्रिया:

  • ईरान सरकार ने इसे अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया, और विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इसे “युद्ध की चाल” करार दिया

  • ईरान ने अल्पकालिक परमाणु सुविधाओं के भारी नुकसान की पुष्टि की, और वादा किया कि उन्होंने मोर्चे से कोई रेडिएशन रिसाव नहीं देखा

  • साथ ही, बेरिंग और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय — जैसे चीन, रूस, तुर्की — ने अमेरिका की इस कार्रवाई की निंदा की और तटीय तनाव में बढ़ोतरी की चेतावनी दी.


⚔️ इजरायल-कनेक्शन:

  • अमेरिका का यह हमला इजरायल की हवाई सहायता का हिस्सा माना जा रहा है, क्योंकि दोनों देशों का मकसद ईरानी परमाणु क्षमताओं को कमजोर करना था

  • इजरायल के प्रधानमंत्री नेटन्याहू ने इस कार्रवाई की सराहना की और कहा, “शांति शक्ति द्वारा ही आती है”


🌎 वैश्विक प्रतिक्रिया:

  • ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने अमेरिका को सपोर्ट किया लेकिन साथ ही संयम बरतने की अपील भी की

  • चीन, रूस और तुर्की जैसे देश कड़े शब्दों में निंदा करते हुए बोले कि इससे मध्य-पूर्व में स्थिरता संकट में पड़ सकती है


⚠️ संभावित असर:

  • ईरान द्वारा जवाबी कार्रवाई की तैयारी जारी है, जिसमें मिसाइल हमले, ड्रोन अटैक, या समुद्री जहाजों पर वार शामिल हो सकते हैं

  • मध्य-पूर्व में तनाव स्तर बढ़ चुका है — ऐसे में तेल की कीमतें और वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका हो सकती है।


🧠 विशेषज्ञों का विश्लेषण:

विश्लेषकों का मानना है कि:

  1. संक्षिप्त लेकिन शक्तिशाली कार्रवाई अमेरिकी ताकत और आशय दोनों दिखाती है।

  2. इससे ईरान की नाभिकीय विकास गति धीमी होगी, पर जवाबी प्रतिक्रिया का खौफ जारी रहेगा

  3. इस कार्रवाई से अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति कड़ी चुनौती में फँसी है, और शांति बहाली की संभावना फिलहाल कम दिख रही है।


📝 खून और नीति:

  • अमेरिका ने यह संकेत भी दिया है कि अगर Iran शांति के रास्ते पर नहीं आता, तो और भी निशाने बचे हैं

  • राष्ट्रपति ट्रम्प एक राष्ट्रीय संबोधन में इसे "ऐतिहासिक क्षण" कहा और Iran से तत्काल युद्धविराम की अपील की


🔚 निष्कर्ष:

शाम 6 बजे पर हुई यह अमेरिकी कार्रवाई मध्य-पूर्व में तनाव को और तेज करेगी, लेकिन इसे अमेरिका और इजरायल की सामूहिक सामर्थ्य की झलक माना जा रहा है। विश्व अब यह देख रहा है कि क्या यह कदम क्षेत्रीय शांति के लिए राह खोलेगा या नई शुरुआत