मोहाली में हाल ही में एक बड़ा साइबर अपराध उजागर हुआ है, जब स्थानीय पुलिस ने एक डार्क वेब कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया। इससे जुड़े मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, और शुरुआती जांच में सामने आया है कि इस कॉल सेंटर ने ₹50 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी की थी।
🔓 पर्दाफाश कैसे हुआ?
मोहाली के Acme Eden Court में बने एक फ्लैट में पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया।
इस गिरोह का पर्दाफाश तब हुआ जब कई लोगों को ऐसे मैसेज आने लगे,
जो पहली नज़र में PayPal या किसी सरकारी बैंक के असली नोटिफिकेशन जैसे लगते थे।
असल में, ये सब ठगी की एक बड़ी साजिश का हिस्सा था।। इन संदेशों में लिखा होता था कि आपकी क्रिप्टोकरेंसी में अनधिकृत लेन-देन हुआ है और आपको तुरंत कॉल करके अपने बैंक व भुगतान विवरण साझा करने होंगे।
📞 अपराध की कार्यप्रणाली
इस गिरोह द्वारा उपयोग की गई तकनीक अत्यंत सोची-समझी और पेशेवर थी:
1. स्पूफिंग कॉल्स: कॉल तो SMS, ईमेल या PayPal जैसे आधिकारिक स्रोतों से आती लगी।
2. डार्क वेब स्क्रिप्ट्स: OSINT टेक्नोलॉजी का उपयोग कर यूजर्स की डिटेल्स ली जाती थीं।
3. मॉड्यूस ऑपरेण्डी: कॉल पर बैंकिंग पासवर्ड, ATM-PIN, वर्चुअल कूपन आदि जानकारी मांगी जाती थी।
4.जांच में सामने आया कि ठगी के जरिए जमा की गई रकम को
क्रिप्टोकरेंसी के ज़रिए बाहर भेजा गया —
कुल राशि करीब ₹50 करोड़ के आसपास बताई जा रही है।
👮 गिरफ्तारी और सबूत
इस पूरे ऑपरेशन की अगुवाई DSP रुपिंदरदीप कौर सोही और DIG हरचरण सिंह भुल्लर ने की।
जब टीम ने फ्लैट पर दस्तक दी,
तो अंदर का माहौल किसी कॉर्पोरेट ऑफिस जैसा था —
लेकिन कंप्यूटर स्क्रीन पर चल रही स्क्रिप्ट्स ने सच्चाई खोल दी।
छापेमारी के दौरान कई लैपटॉप, मोबाइल, इंटरनेट राउटर और फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए।
12 लैपटॉप, 14 मोबाइल फोन, और एक स्कॉर्पियो एसयूवी जब्त की गई।
इस मामले में पुलिस ने कुल 8 लोगों को हिरासत में लिया है।
गिरफ्तार आरोपियों का नेटवर्क सिर्फ एक राज्य तक सीमित नहीं था —
इनमें दिल्ली, मुंबई, जम्मू-कश्मीर और पश्चिम बंगाल से जुड़े लोग शामिल हैं,
जो इस पूरे साइबर फ्रॉड को मिलकर चला रहे थे।
⚠️ यह एक सिलसिला!
मोहाली में बीते एक साल में साइबर ठगी के कई मामले सामने आ चुके हैं —
और यह ताज़ा मामला ऐसी घटनाओं की एक लंबी कड़ी का हिस्सा है।
पहले भी कई विदेशी नागरिकों को
फर्ज़ी PayPal अलर्ट या नकली कस्टम डिलीवरी संदेशों के ज़रिए शिकार बनाया जा चुका है।
हर बार बदलता है बस तरीका, मंशा वही रहती है —
लोगों की भरोसे की ज़मीन खिसकाना।
🛡️ पुलिस की चेतावनी
पुलिस इसे महज़ एक केस नहीं,
एक आंख खोलने वाली मिसाल मान रही है।
उनकी अपील साफ़ है —
भरोसा करने से पहले सवाल ज़रूर करें।
अगर किसी मेसेज में ज़रूरत से ज़्यादा जल्दी, डर या लालच हो —
तो समझ जाइए, मामला साफ़ नहीं है।
कोई भी संदिग्ध SMS या ईमेल पर जानकारी न दें
बैंक/PayPal/क्रिप्टो संस्थाओं से जुड़ी कॉल कभी भी सत्यापन किए बिना जवाब न दें
सीधे पुलिस हेल्पलाइन नंबर पर इसकी सूचना दें
📌 आगे की कार्रवाई
जांच अभी थमी नहीं है।
पुलिस अब इस गिरोह के पीछे छिपे दूसरे चेहरों की तलाश में है —
संभावना है कि इसके तार डार्क वेब से लेकर कई गुप्त सर्वरों तक फैले हैं।
सूत्रों के मुताबिक, इस नेटवर्क में कुछ विदेशी साइबर अपराधियों की भूमिका भी सामने आ रही है,
जिनकी पहचान और लोकेशन को लेकर काम जारी है।
🧭 निष्कर्ष:
मोहाली पुलिस के इस सख्त एक्रो-पन से यह स्पष्ट हो गया है कि डार्क वेब आधारित साइबर अपराध तेजी से फैल रहे हैं, और आम जनता को सतर्क रहने की सख्त जरूरत है। ₹50 करोड़ जैसी बड़ी रकम जब्त करना गौरतलब है और इससे एक संदेश जाता है — तकनीक जहां मदद कर सकती है, वहीं लोगों को धोखा देने का जरिया भी बन जाती है। आगामी जांच से और बड़े फ्रॉड नेटवर्कों का पर्दाफाश होना संभव है।