बिहार में विकास की रफ्तार को गति देने के लिए सरकार ने इस बार बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित उद्योग समीक्षा बैठक में राज्य में पांच नए बड़े उद्योगों की स्थापना को मंजूरी दी गई है। इससे न केवल राज्य में निवेश को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि हजारों युवाओं को रोजगार मिलने की भी उम्मीद है।
इन निवेश प्रस्तावों की कुल राशि लगभग ₹3,200 करोड़ आंकी गई है। ये निवेश खासकर खाद्य प्रसंस्करण, फार्मास्यूटिकल, कपड़ा और इलेक्ट्रिक वाहन असेंबली जैसे क्षेत्रों में होंगे।
📌 5 नए प्रमुख उद्योग जो स्थापित होंगे:
1. खाद्य प्रसंस्करण यूनिट (Muzaffarpur):
बिहार में लीची और आम के लिए प्रसिद्ध मुजफ्फरपुर में ₹800 करोड़ की लागत से खाद्य प्रसंस्करण यूनिट लगेगी।
2. फार्मा प्लांट (Begusarai):
₹600 करोड़ के निवेश से बेगूसराय में फार्मास्यूटिकल निर्माण इकाई शुरू की जाएगी। इससे 2000 से अधिक लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा।
3. टेक्सटाइल फैक्ट्री (Bhagalpur):
भागलपुर की सिल्क पहचान को नया जीवन देने के लिए ₹500 करोड़ की टेक्सटाइल फैक्ट्री को मंजूरी मिली है।
4. इलेक्ट्रिक वाहन असेंबली यूनिट (Patna Outskirts):
₹700 करोड़ के निवेश से राजधानी के पास ई-व्हीकल असेंबली यूनिट लगाई जाएगी, जिससे युवाओं को टेक्निकल स्किल्स की ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
5. कोल्ड स्टोरेज चेन (Darbhanga-Madhubani):
कृषि क्षेत्र को सपोर्ट देने के लिए कोल्ड स्टोरेज की नई चेन विकसित होगी, जिस पर ₹600 करोड़ का निवेश आएगा।
👨💼 युवाओं के लिए सुनहरा मौका
बिहार सरकार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महसूरी ने बताया कि इन नए प्रोजेक्ट्स के साथ करीब 10,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे। साथ ही, ITI और पॉलिटेक्निक छात्रों को इन यूनिट्स में इंटर्नशिप और अपस्किलिंग की सुविधा दी जाएगी।
पारंपरिक काम से हटकर टेक्नोलॉजी आधारित रोजगार देने पर ज़ोर दिया जा रहा है, ताकि बिहार के युवा राज्य में ही करियर बना सकें और पलायन को रोका जा सके।
🗣️ CM नीतीश कुमार का बयान:
मुख्यमंत्री ने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि बिहार को उद्योगों का हब बनाया जाए। युवाओं को अवसर मिलें और राज्य की अर्थव्यवस्था को गति दी जाए। अगले 2 सालों में और 20 नए निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी जाएगी।"
📈 निवेशकों की रुचि बढ़ी:
सरकार की नई औद्योगिक नीति 2025 के तहत कई कर रियायतें और भूमि उपयोग की सहूलियतें दी गई हैं। इसके चलते कई बड़े कारोबारी समूह बिहार की ओर रुख कर रहे हैं।
एक बड़ी फूड कंपनी के CEO ने कहा, “बिहार में उपजाऊ ज़मीन, सस्ता श्रम और सरकारी समर्थन अब निवेश के लिए अनुकूल माहौल बना रहा है।”
🌍 रोजगार के अलावा स्थानीय फायदा:
किसानों को अपनी उपज बेचने का बेहतर दाम मिलेगा।
नए स्किल डेवलपमेंट सेंटर खुलेंगे।
महिला कर्मचारियों के लिए अलग से सुविधा केंद्र बनेंगे।
हर यूनिट में पर्यावरण के अनुकूल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा।
📢 आम जनता क्या कहती है?
सुनीता देवी (Muzaffarpur): “अब हमारे बेटे-बेटियों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा, यहीं रोजगार मिलेगा।”
राजेश (Patna): “ई-व्हीकल की फैक्ट्री आने से हम जैसे इंजीनियरों को अपने राज्य में ही भविष्य मिलेगा।”
📌 भविष्य की योजनाएं:
सोलर एनर्जी सेक्टर में ₹1000 करोड़ के निवेश की तैयारी।
आईटी पार्क्स का प्रस्ताव पटना, गया और दरभंगा में।
बिहार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर योजना 2026 तक शुरू होगी।
निष्कर्ष:
बिहार अब बदलाव के मोड़ पर खड़ा है। उद्योगों में आया नया निवेश न केवल रोजगार के नए द्वार खोलेगा बल्कि राज्य को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से मज़बूत बनाएगा। अगर यह योजनाएं समय पर पूरी होती हैं तो आने वाले वर्षों में बिहार देश के प्रमुख औद्योगिक राज्यों में से एक बन सकता है।